Principal's Message

Arya College Ludhiana

प्राचार्य की ओर से...

“तमसो मा ज्योतिर्गमय” अर्थात् मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाओ यह प्रार्थना भारतीय संस्कृति का मूल स्तम्भ है। प्रकाश में व्यक्ति को सब कुछ दिखाई देता है,अन्धकार में नहीं।यह प्रकाश शिक्षा के माध्यम से ही सम्भव है। उत्तम शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। शिक्षा आत्म विश्वास को विकसित करती है और एक व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में मदद करती है। शिक्षा मस्तिष्क को उच्च स्तर पर विकसित करती है और समाज में लोगों के बीच सभी भेदभावों को समाप्त करने में सहायता करती है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिय आर्य कॉलेज, लुधियाना 1946 से अनवरत प्रयासरत है। विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास करना ही कॉलेज का परम उद्देश्य है। प्रत्येक सत्र में समय समय पर विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिये तथा उन्हें अपने करियर के प्रति जागरूक करने के लिये देश के विभिन्न हिस्सों से आये विद्वानों द्वारा किये गये मार्गदर्शन के फलस्वरूप ही इस कॉलेज ने प्राग्यात् शिक्षाविद्, कुशल राजनीतिज्ञ, प्रशासनिक अधिकारी व उच्च कोटि के खिलाड़ी राष्ट्र को प्रदान किये है। छात्रों द्वारा शिक्षा, स्पोर्ट्स इत्यादि के क्षेत्र में प्राप्त स्वर्ण , रजत व कांस्य पदक कॉलेज की श्रेष्ठता को स्वत: सिद्ध करते हैं। मुझे आशा है कि भविष्य में भी यह कॉलेज समस्त विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास करता हुआ प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।इसी हर्षोल्लास व उत्साह के साथ यह कॉलेज ढृढ़ संकल्पित होकर निरन्तर विकसित होगा। नए शैक्षणिक सत्र में कॉलेज में प्रवेश लेने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देती हूँ उनका हार्दिक अभिनन्दन करती हूँ।

This document was last modified on: 03-06-2019